जन्मदिन मनाने की प्रथा दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। बच्चे, बड़े या वृद्ध सभी लोग अपने जन्मदिन को अपने-अपने अंदाज में मनाते हैं। आजकल के बच्चे अपने जन्मदिन पर क्लास के बच्चों को चॉकलेट बांटते हैं साथ ही साथ शिक्षक लोगों को भी मुंह मीठा करवाते हैं। अभिभावक अपने बच्चों की जन्मदिन के लिए पार्टी का भी इंतजाम करते हैं इसमें अच्छे भोजन और अनेकों तरह की व्यवस्था करते हैं । यह प्रथा चली आ रही है और चलती रहेगी। लेकिन अगर आप चाहें तो अपनी खुशी में आप उन लोगों को भी शामिल कर सकते हैं जिनके जीवन में खुशी की किरण नहीं के बराबर है। जी हां मैं बात कर रहा हूं उन लोगों की जिनके ना तो माता है ना पिता और ना ही कोई सगा संबंधी। अनाथालय में अनाथ की तरह पल रहे हैं। अगर आप चाहें तो आप अपने जन्मदिन पर कुछ समय इन लोगों के साथ बिताएं और खर्च का कुछ हिस्सा इन लोगों पर खर्च करें तो आपकी खुशियां कई गुना बढ़ जाएगी। साथ ही साथ आपके बच्चों को यह एहसास जरूर होगा कि वह कितने भाग्यशाली हैं कि उनको सारी सुविधाओं के साथ-साथ उनका ख्याल रखने के लिए माता पिता हमेशा तैयार रहते हैं। बच्चों में आपके प्रति सम्मान बढ़ेगा और उन्हें यह एहसास होगा कि उनके पास जो भी है औरों ज्यादा है। आपके ऐसा करने से अनाथ बच्चों को भी अच्छा भोजन और खुशी मनाने का अवसर मिलेगा। एक बार ऐसा करके आप जरूर देखें तब आपको पता चलेगा कि असल खुशी क्या होती है। इस कार्य में आपको किसी भी तरह की सहायता की आवश्यकता हो तो अंतरराष्ट्रीय भारत सेवा संस्थान से जरूर संपर्क करें।