भारत में अनेक धर्मों के लोग रहते हैं और सभी के विभिन्न विभिन्न त्योहार हैं। लोग अपने अपने त्योहार अपने-अपने ढंग से मनाते हैं। त्योहार का मतलब ही होता है हंसी खुशी का माहौल। लोग विभिन्न तरह के इंतजाम करते हैं और अनेक वस्तुओं का संग्रह करते हैं ताकि अच्छी तरह से खुशियां मना सके । वहीं दूसरी ओर देखा जाए तो एक ऐसे समुदाय के लोग हैं जिनके पास त्योहार मनाने की तो बात ही छोड़ दीजिए दो वक्त का भोजन और शरीर पर पूरा कपड़ा भी नसीब नहीं होता। ऐसे लोग सभी धर्मों में हैं। अगर हम चाहें तो हर त्योहार में जितना खर्च करते हैं अपने पर उसका 10 % भी उन लोगों के बारे में सोचें जो हमारे समाज के ही हैं। अगर हम लोग कुछ खर्च उन लोगों पर भी कर दें तो हमारी खुशी कई गुना बढ़ जाएगी। ईश्वर ने हम सभी लोगों को बनाया है। इस नाते भी हम लोग उन्हीं के संतान हैं। जब हम लोग एक ही ईश्वर के बनाए हुए हैं इसका अर्थ साफ है कि इंसानियत के नाते हम एक दूसरे के परिवार हैं।अगर आप हमारी बात को समझ गए होंगे तो आने वाले दिनों में आप उन लोगों के लिए भी कुछ जरूर करेंगे।